सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति | NDA की बडी जीत, 14 विपक्षी वोट क्रॉस।

एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने। उन्होंने I.N.D.I.A. के सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया। इस लेख में जानेंगे जीत के पीछे की रणनीति, क्रॉस वोटिंग और राजनीतिक समीकरण।

15वें उपराष्ट्रपति

एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने I.N.D.I.A. गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया। 9 सितम्बर 2025 को हुए मतदान में 788 में से 767 सांसदों (98.2%) ने वोट किया है। एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट, जबकि I.N.D.I.A. के सुदर्शन रेड्डीको 300 वोट मिले है। इस दौरान 15 वोट अमान्य घोषित किए गए।

एनडीए की जीत में क्रॉस वोटिंग की अहम भूमिका। 

इस चुनाव में कम से कम 14 विपक्षी सांसदों के एनडीए के पक्ष में वोट देने की अटकलें लगाई जा रही हैं। एनडीए के पास कुल 427 सांसद थे, जबकि वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों ने राधाकृष्णन का समर्थन किया। इस तरह एनडीए के खाते में 438 वोट होने चाहिए थे, लेकिन राधाकृष्णन को 452 वोट मिले। माना जा रहा है कि कुछ विपक्षी सांसदों ने जानबूझकर अमान्य वोट भी डाले।

सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर। 

सीपी राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर से सांसद रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय वे केंद्रीय मंत्री बनने के करीब थे, लेकिन नाम की समानता की वजह से मौका पोन राधाकृष्णन को मिल गया।

भाजपा का दक्षिण भारत पर फोकस। 

भाजपा ने दक्षिण भारत से 15वें उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनकर एक रणनीतिक कदम उठाया है। वर्तमान में भाजपा की स्थिति इस प्रकार है।

  • आंध्र प्रदेश → टीडीपी के साथ मिलकर एनडीए की सरकार
  • कर्नाटक → कांग्रेस की सरकार
  • तेलंगाना → कांग्रेस की सरकार
  • तमिलनाडु → डीएमके की सरकार
  • केरल → लेफ्ट की सरकार

दक्षिण भारत में भाजपा अपेक्षाकृत कमजोर है। ऐसे में पार्टी सीपी राधाकृष्णन के जरिए अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है

2026 में तमिलनाडु और केरल विधानसभा चुनाव पर नजर। 

तमिलनाडु

  • 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 4 सीटें जीत पाई।
  • भाजपा का वोट शेयर केवल 2.6% ही रह गया था।
  • 2026 के चुनाव में भाजपा का फोकस वोट शेयर बढ़ाने पर होगा।

केरल

  • केरल में मौजूदा विधानसभा में भाजपा का एक भी विधायक नहीं है।
  • 2021 के चुनाव में भाजपा ने एक भी सीट नहीं जीती थी।
  • 2026 के चुनाव में भाजपा को खाता खोलने की बहुत ही उम्मीद है।

विचारधारा पर आधारित रहा 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव। 

इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव पूरी तरह विचारधारा आधारित रहा।

  • तमिलनाडु की सबसे बड़ी पार्टी डीएमके ने एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को एक भी वोट नहीं दिया।
  • TDP और YSRCP ने विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी का समर्थन नहीं किया, जबकि वे तेलुगु भाषी हैं।
  • BJD और BRS जैसी पार्टियों ने चुनाव से दूरी बनाई, लेकिन उनके सांसदों ने पार्टी लाइन का पालन किया।

15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन की जीत पर नेताओं की प्रतिक्रियाएँ। 

सुदर्शन रेड्डी (I.N.D.I.A.)

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुनाव में सांसदों ने अपना फैसला सुना दिया। मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखता हूं और नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति को शुभकामनाएं देता हूं।

मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष)

यह चुनाव विचारधारा की लड़ाई था। हमें उम्मीद है कि नए उपराष्ट्रपति संसदीय परंपराओं का सम्मान करेंगे और विपक्ष को समान स्थान देंगे।

नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री)

सीपी राधाकृष्णन जी को जीत की बधाई। उनका जीवन समाज सेवा और गरीबों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहा है। मुझे विश्वास है कि वे संवैधानिक मूल्यों को और मजबूत करेंगे।

द्रौपदी मुर्मू (राष्ट्रपति)

राधाकृष्णन जी को बधाई। आपके अनुभव से राष्ट्र को महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।

निष्कर्ष

इस लेख में आपको भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन की जीत न सिर्फ एनडीए की बड़ी राजनीतिक सफलता है, बल्कि दक्षिण भारत में भाजपा की रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की दिशा में भी अहम कदम है। इस चुनाव ने साबित किया कि विचारधारा आधारित राजनीति भारतीय संसद में और भी प्रभावी होती जा रही है, के बारे में विस्तार से बताया गया है। अगर आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इस लेख को लाइक, शेयर और कमेंट जरुर  करें।

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